-->
जिलों और संभाग के बाद अब 100 से अधिक उपखंड खत्म किए जाएंगे

जिलों और संभाग के बाद अब 100 से अधिक उपखंड खत्म किए जाएंगे

 जिलों और संभाग के बाद अब 100 से अधिक उपखंड खत्म किए जाएंगे


 जयपुर

भाजपा की भजनलाल सरकार ने कांग्रेसराज के आखिरी बजट में बनाए गए 17 में से 9 जिले और तीनों नए संभाग खत्म करने के बाद सरकार एक और बड़ा फैसला लेने जा रही है। मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेस के फॉर्मूले पर काम कर रही सरकार की नजर अब मापदंडों पर खरे नहीं उतरने वाले उपखंड तहसील एवं उपतहसील कार्यालयों पर है। दो या तीन तहसीलों के ऊपर एक उपखंड दफ्तर बनाए जाने की तैयारी है। ऐसे में प्रदेश में 100 से अधिक उपखंड कम किए जाएंगे। यह कुल उपखंडों का 32% है। प्रदेश में अभी 323 उपखंड 426 तहसील और 232 उपतहसील हैं। उपखंड कम किए जाने का असर तहसील उपतहसील आरआई और पटवार सर्कल पर पड़ेगा। प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन को लेकर सरकार ने जो सलाहकार समिति गठित की थी। उसने आधे जिलों में फीड बैंक जुटा लिया है। हालांकि सलाहकार समिति रिपोर्ट राजस्व विभाग को सौंपेगी और फिर कैबिनेट में अंतिम फैसला होगा। जिसमे किस उपखंड तहसील उप तहसील आरआई सर्कल या पटवार सर्कल को कम किया जा सकता है। गौरतलब है कि सरकार ने कांग्रेस सरकार में बनाए गए सीकर बांसवाड़ा एवं पाली संभाग और सांचौर अनूपगढ़ केकड़ी गंगापुरसिटी दूदू शाहपुरा नीमकाथाना जोधपुर ग्रामीण एवं जयपुर ग्रामीण जिलों को समाप्त कर दिया था।

मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेस की निति पर फोकस 

हर जिले में जाएगी समिति तीन प्रमुख कार्यों पर फोकस रहेगा समिति को छह माह में रिपोर्ट देनी है। इसके लिए समिति राजस्व इकाइयों के पुनर्गठन के लिए संबंधित संभाग एवं जिलों से सुझाव लेगी और अन्य अनुशंसा करेगी। दूसरा समिति नवीन राजस्व इकाइयों के संबंध में मार्गदर्शी सिद्धांत एवं प्रशासनिक इकाइयों की पद संरचना उनका आकार और कार्यों के अनुपात में पदों की आवश्यकता को देखते हुए प्रशासनिक इकाइयों एवं राजस्व न्यायालयों की पदीय संरचना के संबंध में अनुशंसा करेगी। तीसरा प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों एवं जन अपेक्षाओं के आधार पर सुलभ प्रशासन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्व इकाइयों के सृजन पुनर्गठन के संबंध में जिलेवार अनुशंसा करना। प्रशासनिक तहसीलदार सहित विभिन्न कार्मिक संगठनों से समिति मिलेगी। पंचायतीराज संस्थान स्थित दफ्तर में सुनवाई। समिति का अस्थाई दफ्तर इंदिरागांधी पंचायतीराज संस्थान में है। अध्यक्ष पूर्व आईएएस ललित के पंवार हैं। पंवार ने ही संभाग एवं जिलों को समाप्त करने की सिफारिश की थी। समिति में राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार व राजस्व मंडल के निबंधक सदस्य हैं। वहीं रिटायर आरएएस राजनारायण शर्मा सदस्य सचिव हैं। समिति का कहना है कि राजस्व इकाइयां का समानीकरण करना है ताकि जरूरत के हिसाब से लोगों को इसका फायदा मिल सके।

इसका उद्देश्य लोगों को अधिक राहत पहुंचाना है। 

उपखंड तहसील एवं उपतहसील इसका उद्देश्य लोगों को अधिक राहत पहुंचाना है। इसके उपखंड एवं तहसील कार्यालय का एक ही मुख्यालय होने का औचित्य नहीं है। एक उपखंड के अधीन दो या तीन तहसील संभव है। ऐसा हुआ तो 426 तहसीलों के हिसाब से एक उपखंड में कम से कम दो भी तहसील रखी जाएंगी तो खत्म होने वाले उपखंड का आंकड़ा बहुत बड़ा होगा। वर्तमान में 323 उपखंड हैं जो घटकर 213 तक हो सकते हैं। हर पंचायत पर एक पटवार सर्कल होना चाहिए जो अभी कम हैं। नियमानुसार हर पंचायत पर एक पटवार सर्कल होना चाहिए। अभी पंचायतों से पटवार सर्कल कम हैं। सरकार का मानना है कि अब डिजिटिलाइजेशन का जमाना है। पटवारी तक लोगों की पहुंच कम हुई है। बहुत कुछ ऑनलाइन हो गया है। ऐसे में समिति यह भी सुझाव दे सकती है कि दो छोटी पंचायतों पर एक पटवार सर्कल क्यों नहीं किया जा सकता है। इस तरह पटवार सर्कल घटेंगे तो इसका असर भूअभिलेख निरीक्षक दफ्तरों पर भी आएगा।

0 Response to "जिलों और संभाग के बाद अब 100 से अधिक उपखंड खत्म किए जाएंगे"

Post a Comment

DD RAFTAAR NEWS MEDIA

#

DD RAFTAAR NEWS

#

DD RAFTAAR

DD RAFTAAR NEWS

#