
प्रतिबंधित गैर आबादी भूमि पर पट्टे जारी करने पर ढारिया की सरपंची गई
प्रतिबंधित गैर आबादी भूमि पर पट्टे जारी करने पर ढारिया की सरपंची गई
पाली
रानी पंचायत समिति के ढारिया गांव की निवर्तमान सरपंच (प्रशासक) रकमा देवी को प्रतिबंधित गैर-आबादी भूमि पर पट्टे जारी करने और सीसी रोड निर्माण में अनियमितताओं के आरोप में पद से मुक्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को भेजी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। रकमा देवी भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष खीमाराम की पत्नी हैं। खीमाराम का कहना है कि सरपंच का काम तो मेरी पत्नी करती है। इसमें मेरे भाजपा पदाधिकारी होने का कोई लेना देना नहीं है। दो जांच समितियों का गठन किया गया था। जिला परिषद नागौर एसीईओ रणजीत अध्यक्ष जिला परिषद जोधपुर अधिशाषी अभियंता सोहन स्वरूप शर्मा और भीलवाड़ा जिला परिषद लेखाधिकारी गौरव सोमानी की कमेटी ने जांच कर रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी थी। कमेटी के अध्यक्ष रणजीत ने बताया कि उन्होंने सरपंच के कार्यकाल के 97 पट्टों की जांच की जिनमें से 37 पट्टे एडीएम की निगरानी में थे और उन्हें गैर-आबादी भूमि पर जारी किया। सरपंच ने कहा की तब सीमांकन की जानकारी नहीं थी।
2021 में पता चला
सरपंच रकमा देवी ने बताया कि इन पट्टों को लेकर 20 फरवरी 2022 को सुबह राजीव गांधी सेवा केंद्र में बैठक लेकर प्रस्ताव किया जा चुका है। प्रस्ताव में जिक्र है कि 1995 से अब तक पंचायत ने जो पट्टे जारी किए उनकी जानकारी राजस्व विभाग के 2021 के सीमांकन के बाद हुई। ग्राम पंचायत को जानकारी हुई कि ये पट्टे सरकारी प्रतिबंधित भूमि पर जारी किए हैं। जो कि नियम विरुद्ध हैं। जिसकी सूची बनाकर कलेक्टर (न्यायालय) में पेश कर सभी पट्टों को निरस्त करने करवाया जा कर सरकारी भूमि को खाली करवाने का प्रस्ताव लिया जा चुका है। इसी आधार पर अतिरिक्त आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने प्रशासक (निवर्तमान सरपंच) रकमा देवी को इन अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। दूसरी कमेटी की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है।
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