
प्रॉपर्टी खरीद में काले धन के इस्तेमाल पर रोक
प्रॉपर्टी खरीद में काले धन के इस्तेमाल पर रोक
जयपुर
राजस्थान में अब प्रॉपर्टी खरीद में काले धन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की तैयारी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राजस्थान सरकार ने ऐसे लेनदेन के खिलाफ एक्शन को लेकर आदेश भी जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अब किसी भी व्यक्ति संस्था अदालत या रजिस्ट्री विभाग द्वारा 2 लाख रुपए से ज्यादा का नकद लेनदेन करने पर इसकी जानकारी तुरंत आयकर विभाग को देनी होगी। नए नियमों को तोड़ने पर न सिर्फ संबंधित व्यक्ति बल्कि जिम्मेदार अधिकारी पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अदालतों में जब भी किसी मुकदमे में 2 लाख या उससे अधिक की नकद लेनदेन का दावा किया जाता है तो संबंधित अदालत को अनिवार्य रूप से इसकी सूचना क्षेत्रीय आयकर विभाग को देनी होगी। इसी तरह संपत्ति के पंजीकरण के समय अगर दस्तावेज़ में इतनी बड़ी नकद राशि का उल्लेख है। तो उप-पंजीयक को भी यह जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी। सूचना चाहे वह अदालत में हो या रजिस्ट्रेशन विभाग में इस तरह के लेनदेन की सूचना छुपाता है और बाद में यह तथ्य सामने आता है तो उस अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। यह मामला राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव के संज्ञान में लाया जाएगा। जिससे अधिकारी की जवाबदेही और बढ़ जाएगी। आयकर विभाग को जब भी इस तरह की सूचना मिलती है। चाहे वह अदालत रजिस्ट्रेशन विभाग या अन्य किसी स्रोत से हो तो विभाग को कानून के अनुसार जांच करनी होगी। अगर पाया जाता है कि आयकर अधिनियम की धारा 269ST का उल्लंघन हुआ है। तो संबंधित व्यक्ति पर जितनी राशि नकद में ली गई है। उतने ही जुर्माने का प्रावधान है। राजस्थान सरकार ने 29 मई को एक महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी कर प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में होने वाली कर चोरी और काले धन के इस्तेमाल पर लगाम लगाने की पहल की है। सरकार का यह फैसला प्रॉपर्टी मार्केट में पारदर्शिता लाने का बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री में काले धन का इस्तेमाल और नकद लेनदेन पर रोक लगेगी। नए नियमों से न सिर्फ सरकार को राजस्व की सही वसूली में मदद मिलेगी बल्कि आम लोगों को भी प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में होने वाली धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा।
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