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 प्लेन क्रैश, पायलट की सूझबूझ ने बचाई हजारों  जिंदगी

प्लेन क्रैश, पायलट की सूझबूझ ने बचाई हजारों जिंदगी

 प्लेन क्रैश, पायलट की सूझबूझ ने बचाई हजारों  जिंदगी 


नई दिल्ली

अहमदाबाद में 12 जून को एअर इंडिया विमान हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या हजारों में हो सकती थी। हालांकि कैप्टन सुमीत सभरवाल 56 की सूझबूझ की वजह से कई जानें बच गईं। सूत्रों के अनुसार कैप्टन सुमीत को जब ये अहसास हो गया कि वे विमान क्रैश होने से नहीं रोक सकेंगे कैप्टन सुमीत तो उन्होंने जानबूझकर विमान को ऐसी जगह गिराया जहां नुकसान कम से कम हो। बोइंग 787 विमान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा। यह इलाका कम आबादी वाला था। लेकिन इसके चारों ओर घनी बस्ती और तीन बड़े अस्पताल हैं। विमान 3 सेकंड पहले या बाद में गिरता तो तबाही बहुत बड़ी होती। क्रैश साइट के दाईं ओर मिलिट्री हॉस्पिटल है। आगे सिविल अस्पताल और थोड़ी दूरी पर गुजरात कैंसर सोसाइटी मेडिकल कॉलेज भी है। दुर्घटना के बाद हादसे की जगह की जांच करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि गिरते हुए विमान की ट्रैजेक्टरी के अनुसार यह सीधा 1200 बेड वाले सिविल हॉस्पिटल पर क्रैश होने जा रहा था। शुरुआती जांच से पता चलता है कि पायलट ने इसे कुछ सेकंड पहले ही डाउन कर दिया। इससे यह मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की छत से फिसलते हुए पेड़ों के बीच गिरा। यहां हॉस्टल की चार इमारतें और मेस बिल्डिंग के पास बड़ा खाली ब्लॉक था। इससे अस्पताल में मौजूद दो हजार से ज्यादा लोगों की जान बच गई। कैप्टन सुमीत को 8200 घंटे की उड़ान का अनुभव था।

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